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मोटापा और गर्भावस्था: अपने जोखिमों को जानें

मोटापा और गर्भावस्था: अपने जोखिमों को जानें

मोटापे को आपके शरीर में अत्यधिक मात्रा में वसा जमा होने के रूप में परिभाषित किया जाता है और इसे आपके बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के आधार पर मापा जाता है। 

 

यह भारत में एक तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है और 2025 तक हमारी कुल आबादी का 5% मोटापे से ग्रसित होना अनुमानित है।

 

मोटापे के कारण आपमें कई स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कई प्रकार के कैंसर, मधुमेह, और ऑस्टियोआर्थराइटिस के विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है। 

 

आप कैसे बता सकते हैं कि आप सिर्फ मोटे हैं और अधिक वजन वाले नहीं हैं?

 

एक साल के दौरान वजन में कुछ अतिरिक्त किलोग्राम जुड़ना बहुत हानिकारक नहीं सुनाई देता है, लेकिन जब ये ग़ैर-पोष्टिक आहार और शारीरिक व्यायाम की कमी के कारण सालों तक बढ़ता है, तो यह एक समस्या बन सकता है। आप मोटे हैं या नहीं, पता करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपना बॉडी मास इंडेक्स और आपके कमर के आकार को इंच में जानें। नीचे बताई तालिका आपको सही मापों को जानने में मदद करेगी:

सामान्य वजन: 18.5 से 24.9 का बीएमआई

अधिक वजन (overweight): 25 से 29.9 का बीएमआई

मोटापा: 30 या उससे अधिक का बीएमआई

35 इंच से अधिक कमर वाली महिलाओं और 40 इंच से अधिक कमर वाले पुरुषों में मोटापे से संबंधित विभिन्न बीमारियों के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। 

 

क्या मोटापा आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है?

 

मोटापा सामान्य अंडाणु उत्पादन (ओव्यूलेशन) को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे गर्भधारण में देरी हो सकती है। जितना अधिक बीएमआई, उतना ही गर्भ धारण देर से होने का जोखिम। मोटी महिलाओं में लेप्टिन (तृप्ति हार्मोन) का अधिक स्तर होता है, यह हार्मोन आपके शरीर के वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है, और प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। अतिरिक्त वजन सेक्स-हार्मोन-बाइंडिंग ग्लोब्यूल (एसएचबीजी) के स्तर को भी कम कर सकता है, जो आपके मासिक धर्म चक्र को बिगाड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप आपकी प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डाल सकता है। 

 

क्या गर्भावस्था के दौरान मोटापे का कोई स्वास्थ्य जोखिम है?

 

मोटापा गर्भावस्था के दौरान भी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। अपने बच्चे को आवश्यक, महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करने के लिए गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ खाना सबसे अच्छा होता है, विभिन्न अध्ययन से यह पता चला है कि जिन मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार परामर्श दिया गया है, उनका गर्भधारण आसान और स्वस्थ रहा है।

 

मोटापा कई स्वास्थ्य-संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:

 

  • गर्भकालीन मधुमेह (Gestational diabetes): गर्भावस्था के दौरान मोटी महिलाओं की गेस्टेशनल डायबिटीज की जांच की जाती है क्योंकि यह स्थिति अक्सर सीजेरियन सेक्शन प्रसव का कारण बन सकती है।
  • प्रीक्लैम्प्सिया: यह एक गंभीर स्थिति है जो महिला के पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है, प्रीक्लैम्प्सिया एक उच्च रक्तचाप डिसऑर्डर होता है। यह किडनी और लिवर की विफलता, स्ट्रोक और कभी-कभी एक्लम्पसिया नामक मिर्गी आदि का कारण बन सकता है।
  • स्लीप एपनिया: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति नींद के दौरान थोड़े समय के लिए सांस लेना बंद कर देता है। गर्भावस्था के दौरान, स्लीप एपनिया महिलाओं में केवल थकान का कारण बन सकता है, बल्कि यह उच्च रक्तचाप, प्रीक्लैम्प्सिया, एक्लम्पसिया, और हृदय और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है। 

 

यदि आप मोटापे से ग्रस्त हैं तो आपके बच्चे को किन स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है?

 

मोटापा आपके होने वाले बच्चे के लिए और आपके लिए कई स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है:

  • गर्भपात: मोटी महिलाओं में गर्भपात का जोखिम अधिक होता हैं, हालांकि अभी तक इसका कोई सीधा संबंध वैज्ञानिक रूप से स्थापित नहीं हुआ है।
  • मृत प्रसव (स्टिलबर्थ): मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में स्टिलबर्थ या गर्भाशय में बच्चे के मृत्यु का जोखिम अधिक होता है।
  • समयपूर्व (Preterm) प्रसव: प्रीटर्म जन्म यह दर्शाता है है कि चिकित्सकीय कारणों से बच्चे का जन्म नियत तारीख से पहले हुआ है। ऐसे बच्चे पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं और उनमें अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे अधिक हो सकते हैं।
  • परीक्षणों में समस्याएँ: शरीर में चर्बी ज़्यादा होने से बच्चे की शारीरिक रचना में किसी भी समस्या का पता लगाना या प्रसव के दौरान बच्चे के हृदय दर की जाँच करना कठिन हो सकता है।
  • जन्म दोष: मोटापे से ग्रस्त महिलाओं के द्वारा पैदा किए जाने वाले बच्चों में मोटापे के साथ-साथ हृदय या न्यूरल ट्यूब के दोष के विकसित होने का खतरा काफ़ी बढ़ जाता है।
  • मैक्रोसोमिया: इस स्थिति में बच्चे का आकार सामान्य से बड़ा होता है, जिससे प्रसव के दौरान चोट के खतरे में वृद्धि होती है। 

 

क्या आप गर्भवती होने से पहले स्वस्थ तरीके से अपना वजन कम कर सकती हैं?

 

गर्भावस्था में स्वस्थ रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है, और गर्भावस्था से पहले वजन कम करने के लिए आपके डॉक्टर आपको कई सलाह दे सकते हैं।

आपकी स्वास्थ्य अवस्था के आधार पर, आपके डॉक्टर कुछ विशेष आहार, नियमित शारीरिक व्यायाम, या वजन कम करने वाली दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं।

 

मोटापा और प्रसव का दर्द- इनमें क्या संबंध है?

 

जिन महिलाओं का बीएमआई अधिक होता है, उन्हें सामान्य बीएमआई वाली महिलाओं की तुलना में अधिक समय तक प्रसव पीड़ा का अनुभव होता है। इस दौरान बच्चे को मॉनिटर करना कठिन हो जाता है और सीजेरियन डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है। सी-सेक्शन डिलीवरी से स्वास्थ्य-संबंधी जटिलताओं के साथ-साथ संक्रमण और रक्तस्राव का ख़तरा भी बढ़ सकता है।

आपके डॉक्टर आपके गर्भावस्था (एक या एकाधिक) के आधार पर आपका वजन बनाए रखने या कम करने में आपकी सहायता करेंगे और आपके बच्चे को फीटल मैक्रोसोमिया (ऐसी स्थिति जिसमें बच्चा सामान्य से भारी पैदा होता है) के प्रभावित होने के खतरे को कम करने में मदद करेंगे। परीक्षणों के आधार पर, डॉक्टर आपके और आपके बच्चे के लिए सही वजन योजना सुझाएंगे।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Obesity and Pregnancy – Know Your Risks





Medanta Medical Team
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